जीवन की गाड़ी
ॠतुए सदा एक सी नहीं
बदलती रहती है
जीवन की गाड़ी भी
चलती रहती है
नदिया की धारा को देख
ये भी तो बदलती रहती है
तू चिन्ता नहीं चुनौती चुनना
तू सुनना है तो दिल की सुनना
तू क्यो ये मौन धारण अकारण किया है
तू क्यो खुद को पथ से विमुख किया है
तू कभी खुद से ये सवाल करना
क्या ये तूने सच में सही किया है
मेरे मन तू सुन
निश्चितता तो सब चुनते है
तू अनिश्चितता को चुन लेना
जिस पथ पर कोई गया ना हो
उस पथ को चुन लेना
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)