Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Aug 2021 · 1 min read

जीवन की कुछ सच्चाईयां

जीवन की कुछ सच्चाईयां
********************
मृत्यु है जीवन का अंतिम छोर,
ये तो सबको एक दिन आयेगी।
इससे बच न सका कोई प्राणी,
ये तो सबको संग ले जायेगी।।

आता है जीवन में उतार चढाव,
कोई भी नही इससे बच पाया है।
जीव मरने के बाद जाता कहां हैं,
ये सच कोई भी जान न पाया है।।

चार दिन की है जवानी तेरी,
फिर तो बुढ़ापा आ जायेगा।
कर ले कुछ तू अच्छे काम,
फिर वख्त तुझे न मिल पायेगा।।

जोड़ी है जो तूने ये धन दौलत,
ये यही पर ही सब रह जायेगी।
बांट ले इसे अपने दोनो हाथो से,
बाद में तेरे ये काम न आयेगी।।

कर न गुमान इस हुस्न पर तू,
ये तो दो दिन में ढल जायेगा।
कर ले तू प्यार से सबसे बाते,
ये वख्त तो फिर टल जायेगा।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
1 Like · 3 Comments · 284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ram Krishan Rastogi
View all
You may also like:
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
मुफ़लिसों को मुस्कुराने दीजिए।
सत्य कुमार प्रेमी
"दस्तूर"
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्ते की नियत
रिश्ते की नियत
पूर्वार्थ
योग प्राणायाम
योग प्राणायाम
surenderpal vaidya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
पढी -लिखी लडकी रोशन घर की
पढी -लिखी लडकी रोशन घर की
Swami Ganganiya
भजलो राम राम राम सिया राम राम राम प्यारे राम
भजलो राम राम राम सिया राम राम राम प्यारे राम
Satyaveer vaishnav
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 * गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
धीरे धीरे  निकल  रहे  हो तुम दिल से.....
धीरे धीरे निकल रहे हो तुम दिल से.....
Rakesh Singh
अक्सर लोग सोचते हैं,
अक्सर लोग सोचते हैं,
करन ''केसरा''
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
चिड़िया
चिड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हवा के साथ उड़ने वाले
हवा के साथ उड़ने वाले
*प्रणय प्रभात*
दोहा पंचक. . . . प्रेम
दोहा पंचक. . . . प्रेम
sushil sarna
!! जलता हुआ चिराग़ हूँ !!
!! जलता हुआ चिराग़ हूँ !!
Chunnu Lal Gupta
हमारे बिना तुम, जी नहीं सकोगे
हमारे बिना तुम, जी नहीं सकोगे
gurudeenverma198
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
रमेशराज के साम्प्रदायिक सद्भाव के गीत
कवि रमेशराज
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👸👰🙋
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👸👰🙋
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
*स्वजन जो आज भी रूठे हैं, उनसे मेल हो जाए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
Neeraj Agarwal
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
Shweta Soni
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
हरमन प्यारा : सतगुरु अर्जुन देव
Satish Srijan
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
बाँस और घास में बहुत अंतर होता है जबकि प्रकृति दोनों को एक स
Dr. Man Mohan Krishna
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
जुदाई
जुदाई
Dipak Kumar "Girja"
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
पल पल रंग बदलती है दुनिया
पल पल रंग बदलती है दुनिया
Ranjeet kumar patre
Loading...