जीवन की अभिव्यक्ति
दिल क्यों चुप हो गया है?
प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष का सपना सा…
अपने विचारों से जुड़ा,
एक अमूर्त आकार सा…
हर संभव डूबकर
क्या लिखूं कविता सा…
उसमें भावों को उठता देखता हूं
उठता है जो स्वप्न सा…
कोई नाम लिखूं
या कोई बेगाना सा…
पर दे जाऊंगा तुझे
संपूर्ण जीवन सत्य सा…
पूर्ण अपूर्ण पर सत्य स्वतंत्र भाव सा…
पता नहीं क्यों आश्चर्य हुआ?
इसमें जीवन की अभिव्यक्ति
जीवन को अभिव्यक्त करता है…
‘अंजुम’ सजा ले सलोने सपनों को
जो काल की सीमा से हों दूर
यहीं जीवन की अभिव्यक्ति है…
नाम-मनमोहन लाल गुप्ता
पता-मो: जाब्तागंज, नजीबाबाद, जिला-बिजनौर, यूपी
मोबाइल: 9152859828