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10 Jan 2017 · 1 min read

जीवन का आधार है बेटी “मनोज कुमार”

जीवन का आधार है बेटी ।
सुख शक्ति संसार है बेटी ।।

बदल देती जो दुनिया को ।
ऐसा एक बदलाव है बेटी ।।

अत्याचार करो नही इनपे ।
दुर्गा की अवतार है बेटी ।।

बोझ नही समझों ना इनको ।
दर्पण सी नाजुक है बेटी ।।

है बिटिया भविष्य हमारा ।
घर आँगन इज्जत है बेटी ।।

दहेज हत्या दूर करो सब ।
आँखों की ज्योति है बेटी ।।

करो जागरूक मन सब अपने ।
बेटो की माँ भी है बेटी ।।

ज्ञान और आंचल की छायें ।
सपनो की रानी है बेटी ।।

सभ्यता संस्कृति और विरासत ।
धर्म समाज की शिला है बेटी ।।

बंद रखोगे कब तक इनको ।
शिक्षा की हक़दार है बेटी ।।

रखो सुरक्षित बेटी को ।
बेटा भी देती है बेटी ।।

“मनोज कुमार”

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