जीवन का आधार है बेटी “मनोज कुमार”
जीवन का आधार है बेटी ।
सुख शक्ति संसार है बेटी ।।
बदल देती जो दुनिया को ।
ऐसा एक बदलाव है बेटी ।।
अत्याचार करो नही इनपे ।
दुर्गा की अवतार है बेटी ।।
बोझ नही समझों ना इनको ।
दर्पण सी नाजुक है बेटी ।।
है बिटिया भविष्य हमारा ।
घर आँगन इज्जत है बेटी ।।
दहेज हत्या दूर करो सब ।
आँखों की ज्योति है बेटी ।।
करो जागरूक मन सब अपने ।
बेटो की माँ भी है बेटी ।।
ज्ञान और आंचल की छायें ।
सपनो की रानी है बेटी ।।
सभ्यता संस्कृति और विरासत ।
धर्म समाज की शिला है बेटी ।।
बंद रखोगे कब तक इनको ।
शिक्षा की हक़दार है बेटी ।।
रखो सुरक्षित बेटी को ।
बेटा भी देती है बेटी ।।
“मनोज कुमार”