Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2024 · 1 min read

जीवन एक संघर्ष ही तो है

जीवन एक संघर्ष ही तो है
संघर्ष की आग में कूद जाएं,
जूझते रहें तब तक आप…
जब तलक सफलता न मिल जाए।
…. अजित कर्ण ✍️

1 Like · 77 Views

You may also like these posts

2739. *पूर्णिका*
2739. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विधाता छंद
विधाता छंद
Rambali Mishra
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
*झगड़े बच्चों में कहॉं चले, सब पल-दो पल की बातें हैं (राधेश्
Ravi Prakash
रविवार की छुट्टी
रविवार की छुट्टी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
खाक मुझको भी होना है
खाक मुझको भी होना है
VINOD CHAUHAN
वो जरूर आएगी
वो जरूर आएगी
अनिल कुमार निश्छल
राम नाम की लहर
राम नाम की लहर
dr rajmati Surana
ऊँ गं गणपतये नमः
ऊँ गं गणपतये नमः
Neeraj Agarwal
किताबें
किताबें
Kunal Kanth
खुद को समझ सको तो बस है।
खुद को समझ सको तो बस है।
Kumar Kalhans
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
नच ले,नच ले,नच ले, आजा तू भी नच ले
gurudeenverma198
"पड़ाव"
Dr. Kishan tandon kranti
विषय _  इन्तजार दूरी का
विषय _ इन्तजार दूरी का
Rekha khichi
#दोहा
#दोहा
*प्रणय*
मन से मन का बंधन
मन से मन का बंधन
Shubham Anand Manmeet
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
रात का आलम था और ख़ामोशियों की गूंज थी
N.ksahu0007@writer
महाभारत का युद्ध
महाभारत का युद्ध
SURYA PRAKASH SHARMA
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
जिस दिन हम ज़मी पर आये ये आसमाँ भी खूब रोया था,
Ranjeet kumar patre
सर्वनाम के भेद
सर्वनाम के भेद
Neelam Sharma
ज़रा सी  बात में रिश्तों की डोरी  टूट कर बिखरी,
ज़रा सी बात में रिश्तों की डोरी टूट कर बिखरी,
Neelofar Khan
तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!
तू नहीं चाहिए मतलब मुकम्मल नहीं चाहिए मुझे…!!
Ravi Betulwala
सावन का महीना
सावन का महीना
Dr. Vaishali Verma
बेसहारों को देख मस्ती में
बेसहारों को देख मस्ती में
Neeraj Mishra " नीर "
दस लक्षण पर्व
दस लक्षण पर्व
Seema gupta,Alwar
* रेत समंदर के...! *
* रेत समंदर के...! *
VEDANTA PATEL
खुद को खोकर तेरे प्यार में...
खुद को खोकर तेरे प्यार में...
Sunil Suman
मैं मजदूर हूँ
मैं मजदूर हूँ
Arun Prasad
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
हम हिन्दू हैं
हम हिन्दू हैं
Pooja Singh
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
Sonam Puneet Dubey
Loading...