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4 Jan 2019 · 1 min read

जीवन : एक रंगमंच

एक मंच
उठते पर्दे
धीमा प्रकाश
मधुर आवाज
परछाईयां आकृतियां
दिखते कलाकार
बोलती आंखे
हवा में लहराते हाथ
रुदन का शोर
हंसने की आहट
एक मधुर लोकगीत
थिरकते कदम
नगारे बजाते
पात्र
दृश्य नेपथ्य का
शांति चारो ओर
अचानक
मचे कोलाहल
चीखते चिल्लाते
लोग
भागते डरते
लोग
बदलते भाव भंगिमा
बदलते पात्र
बदलते अभिनय
और,,
पर्दा गिर जाता है।
क्या यह जीवन है
अथवा रंगमंच है
शायद,,
जीवन ही रंगमंच है।

Language: Hindi
542 Views
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