जीवन एक खेल है
जीवन एक खेल है ।
चलती हुई रेल है ।
इस जीवन मे प्यारो ।
होती चारो ओर ठेलमठेल है ।
मै कहूं सुनो ही नही उसको चुनो ।
जीवन मे जो भी सीखो अच्छा उसको गुनो ।
जीवन एक मेल है ।
जैसे कोई जेल है ।
गम के मारो को क्या पता ।
ये जीवन हंसियो का पल है ।
खुशिया का पल है ।
हरेक समस्या का हल है ।
लोगो ने बीता दी जीवन ।
को रोते -रोते ।
सोते -सोते -खोते -खोते ।
जीवन मे लगाया न कभी अपने अंदर गोते ।
ऐसा गर कर पाते ।
तो जीवन मे अवश्य सफल होते ।
जीवन मे आए है तो रोना न -न ।
अपने हंसियो के पल को खोना न ।
लाख बिछाएं काटे कोई ।
लेकिन फिर भी न डरना ।
जीवन मे आए जितना पीङा उसको सहते रहना ।
कभी भी अपने मुख से भला बुरा न कहना ।
वाणी को संजोए रखना ।
जैसे कि अमूल्य गहना ।
जीवन एक कांटे की बेल है ।
जैसे कोई मिट्टी करेल है ।
छक्के भी लगते है इस खेल मे ।
विकेट भी गिरते है इस खेल मे ।
बस मायने है ये रखता कि आप अपने जीवन को जैसे खेले ।।
जीवन मे आए हो अकेले ।
पार्थ न कोई संग चेले ।
अपनी राह बनाता चल ।
अपना कल सजाता चल ।
तू राही है प्यार का ।
प्यार का गीत गुनगुनाते चल ।
लगती है गिर कर संभल ।
दिन ढलता है ढलने दे ।
तू तो बस अपने पांवो को चलने दो दिन -राते ।
अपने दिल से करो कुछ बाते ।
जीवन मे क्या है सौगाते ।
क्या है रिश्ते नाते ।
सब सुख मे है सहलाते ।
दुःख मे भाग पराते ।
ढह जाता है जीवन जैसे कोई खपङैल है ।
जीवन एक खेल है ।
जैसे चलती हुई रेल है ।
??Rj Anand Prajapati ??