Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2022 · 1 min read

जीने की वजह

जीने की वजह

वो मन्नत का धागा मैं कहां से लाऊं,
जिससे तुम्हें, मैं खुदा से मांग लाऊं,
बन्ध जाऊं उस कच्ची डोर से ही,
कम्बख़त, जीने की वजह पा जाऊं।।

सीमा टेलर ‘तू है ना’ (छिम़पीयान‌‌‌ लम्बोर)

5 Likes · 2 Comments · 261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
ये अमावस की रात तो गुजर जाएगी
ये अमावस की रात तो गुजर जाएगी
VINOD CHAUHAN
तेरे जाने का गम मुझसे पूछो क्या है।
तेरे जाने का गम मुझसे पूछो क्या है।
Rj Anand Prajapati
साथ बैठो कुछ पल को
साथ बैठो कुछ पल को
Chitra Bisht
याचना
याचना
Suryakant Dwivedi
4588.*पूर्णिका*
4588.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
প্রফুল্ল হৃদয় এবং হাস্যোজ্জ্বল চেহারা
Sakhawat Jisan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
तुझको पाकर ,पाना चाहती हुं मैं
Ankita Patel
#हिंदी-
#हिंदी-
*प्रणय*
यही तो जिंदगी का सच है
यही तो जिंदगी का सच है
gurudeenverma198
बिना अश्क रोने की होती नहीं खबर
बिना अश्क रोने की होती नहीं खबर
sushil sarna
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
कलम के हम सिपाही हैं, कलम बिकने नहीं देंगे,
दीपक श्रीवास्तव
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
जिसने दिया था दिल भी वो उसके कभी न थे।
जिसने दिया था दिल भी वो उसके कभी न थे।
सत्य कुमार प्रेमी
"फर्क"
Dr. Kishan tandon kranti
कोलकाता की मौमीता का बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या....ये तत्
कोलकाता की मौमीता का बलात्कार और उसकी निर्मम हत्या....ये तत्
ruby kumari
तू है तो फिर क्या कमी है
तू है तो फिर क्या कमी है
Surinder blackpen
बरखा रानी तू कयामत है ...
बरखा रानी तू कयामत है ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
शेखर सिंह
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
Shweta Soni
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ज़िम्मेदारियों ने तन्हा कर दिया अपनों से,
ज़िम्मेदारियों ने तन्हा कर दिया अपनों से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अनकहा
अनकहा
Madhu Shah
बार-बार लिखा,
बार-बार लिखा,
Priya princess panwar
अब  छोड़  जगत   आडंबर  को।
अब छोड़ जगत आडंबर को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
*यह तो बात सही है सबको, जग से जाना होता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वेद पुराण और ग्रंथ हमारे संस्कृत में है हर कोई पढ़ा नही पाएं
वेद पुराण और ग्रंथ हमारे संस्कृत में है हर कोई पढ़ा नही पाएं
पूर्वार्थ
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया
मिला जो इक दफा वो हर दफा मिलता नहीं यारों - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
Loading...