जीने की आस
मन बेचैन है आज मेरा
कुछ खोया है आज मेरा
वो गया है दिल तोड़कर
दिल रोया है आज मेरा।।
बिखर गया हूं आज मैं
सपने जो टूटे हैं आज मेरे
किससे कहूं मैं दिल की बात
अपने तो छूटे है आज मेरे।।
रूठ गए अब चांद तारे
रूठ गया ये जीवन मेरा
क्या हो गई खता मुझसे
क्यों लेता है इम्तिहान मेरा।।
जिसका था ये दिल
उसी ने तोड़ दिया
जाने क्यों, किनारा मिलने
से पहले ही, मुंह मोड़ लिया।।
किससे गिला करें अब
किससे करें फरियाद
रह रह कर उसकी
आती रहती है याद।।
तोड़ा है जिसने दिल को
उसको ही करता है याद
ये रब भी अब तो मेरी
सुनता नहीं है फरियाद।।
आ जाओ पास मेरे तुम
या बुला लो मुझे अपने पास
अब जीने की मेरे रह गई है
बस एक यही आस।।