जीत वो सकते हैं कैसे
एक है ईश्वर एक है दुनिया ।
भेद क्यों फिर सारे हुए हैं ।।
जीत वो सकते हैं कैसे ।
खुद से जो हारे हुए हैं ।।
आसमां उनसे भरा है।
मर के जो तारे हुए हैं ।।
बे’बसी न पूछ हमसे।
कितना दिल मारे हुए हैं।।
हक़ पर चलने वाले शाद ।
कब किसे प्यारे हुए हैं ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद