जीत वो ज़िंदगी नहीं पाया
कितनी गुजरी है कितनी बाकी है ।
पल दो पल की बस कहानी है।।
जीत वो ज़िन्दगी नहीं पाया।
जिसने खुद से हार मानी है।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
कितनी गुजरी है कितनी बाकी है ।
पल दो पल की बस कहानी है।।
जीत वो ज़िन्दगी नहीं पाया।
जिसने खुद से हार मानी है।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद