जीत कहां ऐसे मिलती है।
जीत कहां ऐसे मिलती है,
जीतने के लिए,
जोश जुनून और जज्बा चाहिए।
जीत कहां ऐसे . . . . . .
प्रतिद्वंद्वी को,
परास्त करना पड़ता है।
खेल से पहले ही
दिमागी खेल खेलना पड़ता है।
हार का भय दिखाकर,
मनोबल तोड़ना पड़ता है।
जीत कहां ऐसे मिलती है,
जीतने के लिए साम दाम दण्ड भेद चाहिए।
जीत कहां ऐसे . . . . . .
कठिन अभ्यास और,
कठिन परिश्रम करना पड़ता है।
कुशल रणनीति से,
चक्रव्यूह भेदना पड़ता है।
कुशल नेतृत्व के दम पे,
किले फतह करना पड़ता है।
जीत कहां ऐसे मिलती है,
जीतने के लिए चतुर चालाक और निडर चाहिए।
जीत कहां ऐसे . . . . . .
आत्मविश्वास और चेहरे पे,
चमक दिखाना पड़ता है।
चौड़ा छाती मजबूत कंधे,
बलिष्ठ भुजा दिखाना पड़ता है।
शतरंज की बिसात पर,
पैतरा बदलना पड़ता है।
जीत कहां ऐसे मिलती है,
जीत के लिए बेखौफ बेरहम और जांबाज चाहिए।
जीत कहां ऐसे . . . . . .