*जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य (कुंडलिया )*
जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य (कुंडलिया )
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जीता हमने चंद्रमा, खोज चल रही नित्य
चला जॉंचने सूर्य को, अब अपना आदित्य
अब अपना आदित्य, यान सूरज नापेगा
इसके क्या हैं हाल, चाल यह सब भॉंपेगा
कहते रवि कविराय, चला यह लेकर फीता
दूरी पंद्रह लाख, किलोमीटर यों जीता
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451