जिस रस्ते से..
जिस रस्ते से जाते हैं सब तुम मत जाओ
जैंसे पा लेते हैं वो सब तुम मत पाओ
तिकड़म लगा तराने वाह वाही के
जैंसे गा लेते हैं वो सब तुम मत गाओ
इज्जत गिरवी रखकर नाम कमाते लोग
दो कौंड़ी के ऐंसे यश को तुम मत लाओ
चरण चाटकर जग में छा जाते हैं लोग
करो न ऐंसी चाह जगत में तुम मत छाओ
सीप मारकर मोती लाना ठीक नहीं
पर पीड़ा से मिले जो दौलत तुम मत लाओ
खा लेते हैं सड़कों पर जो खड़े खड़े
ठीक नहीं है ऐंसा खाना तुम मत खाओ
ऊपरवाले तक जाती हैं आहें सब
सितम किसी बेचारे पर तुम मत ढाओ