*जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं (राधेश्
जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं (राधेश्यामी छंद )
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जिस पर प्रभु की अति कृपा हुई, माया उसकी हर लेते हैं
साधारण रहना-खाना दे, संतोषी वह कर देते हैं
फिर जग में नहीं भटकता है, भीतर की यात्रा करता है
कर नेत्र बंद वह निराकार, दर्शन-पथ पर पग धरता है
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451