जिस दिन यह पायल
वह जो अब चलती है तो
उसकी पायल नहीं बजती
पायल के घुंघरू सब टूट
चुके हैं इसलिये
पायल नहीं खनकती
पांव से वह पायल नहीं उतारेगी क्योंकि
पायल के घुंघरूओं से
उसकी दिल की धड़कन के तार
बंध चुके हैं
यह किसी के प्यार की आखिरी
निशानी है
इससे उसके जिंदगी के सुर
जुड़ चुके हैं
जिस दिन यह पायल कहीं किसी को
पड़ी मिल जाये तो
बिना बताये
समझ जाना कि वह
अब इस दुनिया में नहीं
किसी की याद को दिल से
लगाये लगाये
उसका इंतजार करते करते पर
अब तो कभी की वह मर चुकी
है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001