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25 Mar 2017 · 1 min read

!!–जिस तन लागे वो ही जाने–!!

दर्द उसी को होता है,
जिस को चोट लगती है
दुनिया का क्या वो
तो बात बात पर हस्ती है

चाहे लगे बदन पर
या लगे किसी के दिल पर
दर्द की अनुभूति तो
बस उस को ही होती है

कहने वाला तो कह देता
सहने वाला नहीं सह सकता
शब्दों के बाण जब
दिल को छलनी करते हैं

मजा लेने को हैं सारे
कह जाते हैं बारी बारी से
उस के दिल से पूछो
कि चोट कितनी गहरी है

जख्म दिखते नहीं जिसके
यही तो बीमारी है
घाव होता तो भर जाता
जिस ने भी चोट वो मारी है

कहने से पहले सोचो जरा
आहत न हो जाए दिल उसका
यह ऐसा दर्द है “करूणाकर”
जिसका भरना बड़ा भारी है

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
2071 Views
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