जिस्म में पानी नही बचता पसीने के लिए
जिस्म में पानी नही बचता पसीने के लिए
बेरोजगारी इतना दर्द काफी है सीने के लिए
किसी चीज की चाहत अच्छी है दीवानगी नही
ये लोग इतना क्यों मरते हैं जीने के लिए
रास्तों को पांव का छाला नही दिखता तरसते ओठ को निवाला नही दिखता इतना अंधेरा भर गया है मेरी जिंदगी में
कड़ी धूप में भी खिड़की से उजाला नही दिखता