जिसनै खोया होगा
::जिसनै खोया होगा::
जिगर का टुकड़ा
कालजे का लाल
जिसनै खोया होगा।
वो रहगया बस सिसक कै,
के आंख भर सोया होगा।
टीस जख़्मा तै बी गहरी,
दर्द ज़ख्म के भर ज्यागा।
अर देख्या हो दुख औलाद का,
वो माणस के सहला मर ज्यागा।।
यो जद बी जिक्र आवैगा,
बस भीतरला भर आवैगा।
पंख कुतरगे,
हौंसला कमजोर होगया,
ईसा बाज के उडारी भर पावैगा।।
गुमचोट कद असर दिखादे,
पागलपन तक पहुंचा दे।
दे कै खोसण का दस्तूर माड़ा:,
इसतै आचछा कंगला बना दे।।
नाड़ टूट ज्या,
जोतते जवाब देज्या,
यो भार जिसनै भी ढोया होगा।
जिगर का टुकड़ा
कालजे का लाल
जिसनै खोया होगा।
वो रहगया बस सिसक कै,
के आंख भर सोया होगा।
-सुनील सैनी “सीना”
राम नगर, रोहतक रोड़, जीन्द (हरियाणा)-१२६१०२.