जिसने आतंकी ज्वाला में (गीतिका)
जिसने आतंकी ज्वाला में
* गीतिका *
जिसने आतंकी ज्वाला में, झोंकी केसर क्यारी है।
उसकी दुनिया के नक्शे से, अब मिटने की बारी है।
सदा स्नेह से साथ निभाया , हमने निकट पडो़सी से।
लेकिन बदले में उसने तो, की निर्लज्ज गद्दारी है।
सच्चाई से दूर भागता, झूठा कायर आतंकी।
जिसकी आंखें बँद हो उसकी, राह सदा अंधियारी है।
जेहादी आतंकवाद की, नीति चले जिन देशों में।
उनको सबक सिखाना जग की, सांझी जिम्मेदारी है।
है समर्थ नेतृत्व हिन्द का, बढ़ा जा रहा सही दिशा।
शीघ्र मिटेगी निशा अंधेरी, भोर बहुत उजियारी है।
रथ विकास का नहीं रुकेगा, राह प्रगति पर भारत का।
कदम मिलाकर सभी बढ़ रहे, बाल वृद्ध नर नारी है।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०१/०३/२०१९