जिसने अपनी माँ को पूजा
जिसने अपनी माँ को पूजा, रहा कभी न भूखा l
धन दौलत और शोहरत का भी, रहा कभी न सूखा ll
अरे जिसने अपना माथा मां के, कदमों में रखा हैं l
दूधों पूतों खूब फला वो, सूरज सा चमका हैं ll
अभी भी गावों में माता की, सेवा बच्चे करते हैं l
शहरों का तो फिर क्या कहना, बच्चों का हाल बुरा है ll
घर में हुकुम चलाने बीबी, पति बने हैं लल्लू l
वृद्धाश्रम मां को भेजें, कुत्ता.. घर में खेले कुल्लू ll
मां होती ममता की मूरत, कभी न गुस्सा होती l
जीवन भर बच्चों के खातिर, कष्टों को सहती हैं ll
बात मान लो गांठ बांध लो, न करो अनादर मां का l
याद आयेगी पछताओगे, जब ले जायेंगे विधाता ll
जिसने अपनी माँ को पूजा, रहा कभी न भूखा l
धन दौलत और शोहरत का भी, रहा कभी न सूखा ll
📝 लोधी श्याम सिंह तेजपुरिया
सर्वाधिकार सुरक्षित 05/03/024