जिसको तेल लगाना आए
जिसको तेल लगाना आये अपनी गोट बिठाना आये
जो जम कर चुटकुले सुनाये अखिल भारतीय कवि कहलाये
माहिर हो जो दंद फंद में फर्क न जाने गीत छंद मे
ग़ज़ल पढ़े और गीत बताये अखिल भारतीय कवि कहलाये
हो जुगाड़ में सबसे आगे आयोजक के पीछे भागे
खुद अपना सम्मान कराये अखिल भारतीय कवि कहलाये
हिस्सा बाँट कमीशन मांगे सारा कुनबा मंच पे टांगे
नेताजी जी के चरण दबाये अखिल भारतीय कवि कहलाये
कर जुगाड़ बन गया सिकंदर जंगल का राजा है बंदर
कविता की डुग दुगी बजाये अखिल भारतीय कवि कहलाये
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव