जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल (कुंडलिया)
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जिसको गोदी मिल गई ,माँ की हुआ निहाल
जग में खुशकिस्मत बड़ा,माँ का ही बस लाल
मॉं का ही बस लाल, खुशी में खुद को ढाला
उछली है माँ मौन , लाल को कभी उछाला
कहते रवि कविराय,खुशी मिलती है किसको
गोदी है अनमोल , मिल गई मॉं की जिसको
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रचयिता: रवि प्रकाश,
बाजार सर्राफा ,रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1