– जिसको अपनो द्वारा मिली दुत्कार उसको मिल रहा चाहने वालो से प्यार –
– जिसको अपनो द्वारा मिली दुत्कार,
उसको मिल रहा चाहने वालो से प्यार –
जिसको अपनो ने दुत्कारा,
नही किया कभी भी प्रेम पूर्ण व्यवहार,
सदा ही रखा उसको अपने लक्ष्य से दूर,
दूर रखकर बने उसकी दुर्गति के नायक,
कभी नही किया उसके बारे में कोई ख्याल,
आज जब वो अपनी मेहनत से किसी पद प्रतिष्ठा को पा रहा,
अपने भी जो कल तक रखते थे हीन भावना,
आज दूर होकर भी साथ होने की कर रहे तमन्ना,
क्योंकि जिसको अपनो द्वारा मिली दुत्कार,
उसको मिल रहा चाहने वालो से प्यार,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान