जिसके सीने में जिगर होता है।
अंदाज़ ही उसका अलग होता है।
यूं जिसके सीने में जिगर होता है।।1।।
हवा का रुख खुद ही मुड़ जाता है।
शाहशाहे ए आगाज़ जुदा होता है।।2।।
बात कर रहे हो औकात देखने की।
दम वाला हर मौसम बदल देता है।।3।।
ना मिटेगी हस्ती जमानें से उसकी।
शेरे खुदा खुद में दुनियाँ रखता है।।4।।
दो चार को डराकर शेर नहीं होते।
खुद की गली में कुत्ता शेर होता है।।5।।
कुछ दौलत से हस्ती नहीं बनती है।
यूं तो बादल सहरा में भी बरसता है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ