जिलेबी का दिवाना है कभी मधुमेह ना देखे
मुहब्बत उम्र ना देखे, मुहब्बत देह ना देखे।
मिले महबूब की बाहें, खुदा का नेह ना देखे।
बुढ़ापे में हसीनों पर नजर, ताज्जुब नहीं होता-
जिलेबी का दिवाना है, कभी मधुमेह ना देखे।
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य
मुहब्बत उम्र ना देखे, मुहब्बत देह ना देखे।
मिले महबूब की बाहें, खुदा का नेह ना देखे।
बुढ़ापे में हसीनों पर नजर, ताज्जुब नहीं होता-
जिलेबी का दिवाना है, कभी मधुमेह ना देखे।
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य