*जिन-जिन से संबंध जुड़े जो, प्रभु जी मधुर बनाना (गीत)*
जिन-जिन से संबंध जुड़े जो, प्रभु जी मधुर बनाना (गीत)
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जिन-जिन से संबंध जुड़े जो, प्रभु जी मधुर बनाना
1)
इस जीवन में चार दिवस का, जुड़ता सबसे नाता
नाता वह ही है सुंदर जो, जुड़कर मन को भाता
मन से मन के तार जोड़कर, हो संबंध सुहाना
2)
कभी न वाणी से कटु बोलें, चलें न कड़वी चालें
लोभ और ईर्ष्या से प्रेरित, इच्छा कभी न पालें
लक्ष्य यही हो प्रेम-भाव से, प्रिय संबंध निभाना
3)
सहकर्मी या मित्र पड़ोसी, बंधु भाग्यवश पाते
सज्जन मिलें सुमन जीवन में, लगता खिल-खिल जाते
जीवन में गठजोड़ हमारा, सही-सही बैठाना
जिन-जिन से संबंध जुड़े जो, प्रभु जी मधुर बनाना
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 9997615451