Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2023 · 1 min read

*जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/

जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया ( हिंदी गजल/ गीतिका )
————————————–
(1)
जिन्होंने बैंक से कर्जे को, लेकर फिर न लौटाया
बड़ा बनने का असली बस, हुनर उनको ही है आया
(2)
डकारों के बिना ही अरबों, खरबों खा गए हैं यह
बड़ा मजबूत इनके पेटों ने है हाजमा पाया
(3)
बड़े लोगों ने घोटाले, किए तो हैं बहुत ज्यादा
मगर सोने या चाँदी का, न हलवा एक ने खाया
( 4 )
बड़ा तो बन गया वह कर के, घोटाला मगर फिर भी
जहाँ भी वह गया ,लोगों ने उसको चोर ठहराया
( 5 )
जिसे इज्जत की मिलती रोज, है दो वक्त की रोटी
फरिश्तों ने सुना है यह ,पलक पर अपनी बैठाया
(6)
ये शाही-ठाठ जितने हैं, घोटालों से आए हैं
घोटाला-बंगला इस ही, वजह से नाम कहलाया
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

498 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
20. सादा
20. सादा
Rajeev Dutta
*ऐनक (बाल कविता)*
*ऐनक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
पाॅंचवाॅं ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह -2024 संपन्न
पाॅंचवाॅं ओमप्रकाश वाल्मीकि स्मृति साहित्य सम्मान समारोह -2024 संपन्न
Dr. Narendra Valmiki
काव्य में सहृदयता
काव्य में सहृदयता
कवि रमेशराज
कर्महीनता
कर्महीनता
Dr.Pratibha Prakash
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
उम्र गुजर जाती है किराए के मकानों में
करन ''केसरा''
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
उड़ान मंजिल की ओर
उड़ान मंजिल की ओर
नूरफातिमा खातून नूरी
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
अधिकार और पशुवत विचार
अधिकार और पशुवत विचार
ओंकार मिश्र
देश में न गऱीबी, न भुखमरी, न बेरोजगारी। पांच किलो राशन (बाजर
देश में न गऱीबी, न भुखमरी, न बेरोजगारी। पांच किलो राशन (बाजर
*प्रणय*
घर
घर
Slok maurya "umang"
"दाना " तूफान सागर में भयानक कोहराम लाया है ,कहीं मंज़र तबाही
DrLakshman Jha Parimal
"आसमान पर छाए बादल ,
Neeraj kumar Soni
"शाही व्यंजन"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरी
तेरी
Naushaba Suriya
"Sometimes happiness and peace come when you lose something.
पूर्वार्थ
तथाकथित...
तथाकथित...
TAMANNA BILASPURI
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
आने को तो आ जाएंगे बेदिल वफ़ा के साथ....
दीपक झा रुद्रा
कुर्सी मिलते ही हुआ,
कुर्सी मिलते ही हुआ,
sushil sarna
ब्यूटी विद ब्रेन
ब्यूटी विद ब्रेन
Shekhar Chandra Mitra
और कितना मुझे ज़िंदगी
और कितना मुझे ज़िंदगी
Shweta Soni
ममतामयी मां
ममतामयी मां
SATPAL CHAUHAN
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
Otteri Selvakumar
पाती कोई जब लिखता है।
पाती कोई जब लिखता है।
डॉक्टर रागिनी
अति भाग्यशाली थी आप यशोदा मैया
अति भाग्यशाली थी आप यशोदा मैया
Seema gupta,Alwar
सेवा निवृत काल
सेवा निवृत काल
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
जितना मिला है उतने में ही खुश रहो मेरे दोस्त
कृष्णकांत गुर्जर
4398.*पूर्णिका*
4398.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...