जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
कभी कभी ख़ूब हंसाती है तो कभी हंसते हुए चेहरे से खुशी छीन लेती है
जब बचपन था तो सपने जवानी के दिखाए
जब जवान हुए तो जिम्मेदारी हर तरफ से सताए
किसकी तलाश है जिंदगी को जो आज तक उसे मिला नहीं
क्यों भागते ही जा रही है सुकून का पल मिला नहीं
कब तक और ना जाने कहां तक ये सफ़र जाएगा
देखना है ये भी है कि आख़िर तक कौन साथ निभाएगा।