जिन्दगी से शिकायत न रही
तुम क्या मिले मुझे,
जिन्दगी से मुझे
अब कोई शिकायत न रही
तेरे आने से पहले
मेरे जीवन मे जो था खालीपन
वह तेरे आने से अब न रह गई
शिकायत थी मुझे जिन्दगी से
मेरे जीवन मे क्यो इतना गम भर दिया था
तेरे आने के बाद उस गम की याद न रही
तुम क्या मिले मुझे,
जिन्दगी से अब कोई शिकायत न रही
कल तक जो मुरझाए था मेरा मन
तेरे आने के बाद यह खिल उठी
दर्द मे डूबा हुआ था जो मेरा मन
तेरे आने के बाद
फिर से लहराने है लगी
फिर से यह प्यार की खुशबू
हवा मे फैलाने है लगी
तुम क्या मिले मुझे,
जिन्दगी से कोई शिकायत न रही।
~अनामिका