जिन्दगी मे कोहरा
चाहे जिन्दगी मे कितना भी
बेपनाह कोहरा क्यो न हो
जिन्दगी का मजा लेने न तुम छोड़ो
अगर रोक दिये तुम कदम
अपना कोहरे के डर से
पुरी उम्र गुजर जाएगी बंद
दरवाजे के पीछे।
~अनामिका
चाहे जिन्दगी मे कितना भी
बेपनाह कोहरा क्यो न हो
जिन्दगी का मजा लेने न तुम छोड़ो
अगर रोक दिये तुम कदम
अपना कोहरे के डर से
पुरी उम्र गुजर जाएगी बंद
दरवाजे के पीछे।
~अनामिका