जिन्दगी में होता करार है।
भंवरों को गुंजन से,
कलियों को चमन से,
आशिक को सनम से,
नज़र को चिलमन से,
जिन्दगी में होता करार है।।
आंखों को अश्कों से,
मलहम को जख्मों से,
इज़्जत को रस्मों से,
खानदान को पुरखों से,
रिश्ता होता बड़ा खास है।।
हुस्न को अदाओं पे,
बाप को बेटों पे,
मां को दुआओं पे,
दिल को अरमानों पे,
बहुत होता बड़ा नाज़ है।।
सनम को बेवफाई में,
इज़्जत को रुसवाई में,
मां को बेटी की विदाई में,
सच्चे को बुराई में,
मिलता हमेशा ही घाव है।।
परिंदों को गुलशन से,
साथी को हमदम से,
जवान को वतन से,
दिल को धड़कन से,
होता हमेशा ही प्यार है।।
कागज़ को कलम से,
भाई को बहन से,
दूल्हे को दुल्हन से,
बूंद को शबनम से,
मुहब्बत होती बेहिसाब है।।
सागर को लहर से,
इश्क को नज़र से,
जिदंगी को जहर से,
कुव्वत को डर से,
इनमें खतरा रहता साथ है।।
प्यास को आब से,
तलवार को धार से,
दिलदार को प्यार से,
सवाल को जवाब से,
मिलता सुकूँ लाज़वाब है।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ