जिन्दगी तुझ पर भरोसा किया हमने
जिन्दगी तुझ पर भरोसा किया हमने
जिन्दगी तुझ पर भरोसा किया हमने
जाने ये क्या , सिला दिया तूने
सोचते थे , मना लेंगे तुझे
जाने क्यों , ठुकरा दिया तूने
कोशिश थी अमानत कर लेंगे तुझे
जाने क्यों , पराया कर दिया तूने
अरमाँ थे , जिन्दगी तुझे करेंगे रोशन
जाने क्यों बिसरा दिया तूने
तुझे पलकों पर सजाने की थी ख्वाहिश मेरी
जाने क्यों खुद को सजा दी तूने
आगोश में उस खुदा की, बैठने के थे अरमां मेरे
जाने क्यों खुद से खुद को जुदा किया तूने
आब – ए – आईना की तरह , रोशन करना चाहता था तुझे
जाने क्यों आबरू , ख़ाक में मिला दी तूने
तेरे आशियाने को जन्नत सा देखने की थी तमन्ना मेरी
जाने क्यों अंधकार से रिश्ता बना लिया तूने
जिन्दगी तुझ पर भरोसा किया हमने
जाने ये क्या , सिला दिया तूने
सोचते थे , मना लेंगे तुझे
जाने क्यों , ठुकरा दिया तूने