जिन्दगी जीनी भारी
बिना सोचे समझे
कुछ जाने
कुछ बोले
चुपचाप
जी लो तो ठीक
नहीं तो जिन्दगी जीनी
भारी पड़ेगी
क्रिया पर कोई प्रतिक्रिया
देनी ही नहीं है
बस हर समय
सब समझते हुए
बड़ी से बड़ी बात भी
मुस्कुराकर छोड़ते चलो
जैसे
कुछ हुआ ही नहीं
समझौतों से भरी यह जिन्दगी भी
भला
फिर कोई जिन्दगी हुई।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001