जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी कभी अपने अस्तित्व की ओर अपनी निगाहें तक लाने में व्यर्थ हो जाते हैं,
इसी को शायद आईडिनटिटी क्राइसिस का झिंगोला पहनना कहते हैं।
जिन्दगी के रोजमर्रे की रफ़्तार में हम इतने खो गए हैं की कभी कभी अपने अस्तित्व की ओर अपनी निगाहें तक लाने में व्यर्थ हो जाते हैं,
इसी को शायद आईडिनटिटी क्राइसिस का झिंगोला पहनना कहते हैं।