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11 Feb 2024 · 1 min read

जिन्दगी की किताब में

जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी कहीं नहीं दिखती
यह जिन्दगी आखिर होती क्या
चीज है
मरने के बाद तो
यह बिल्कुल ही नहीं दिखती
यह भी कुछ कुछ
मोहब्बत करके
सब कुछ खो देने जैसा अहसास है
मिलती है
ऐसा लगता है
पर सोलह श्रृंगार करके
लाल जोड़ा पहन
दुल्हन सी नहीं सजती।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
166 Views
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