Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2017 · 1 min read

जिन्दगी का नाम है बस चलना

जिन्दगी न नाम बस चलना है,
रुकने से जीवन थम जाएगा
जब आये हैं हम दुनिया में
तो कैसे यह “अजीत” रुक जाएगा !!

काँटों का ताज पहना कर
जीवन बसर करते हैं हम
फूलो पर रात गुजार देना
सब से आसान होता है !!

जिन्दगी में मुश्किल न हुई
तो कैसे कटेगी जीवन कि शाम
मजा तो तूफानों से निकल कर
जिदगी बसर करने में आता है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all
You may also like:
चुन लेना राह से काँटे
चुन लेना राह से काँटे
Kavita Chouhan
#शिवाजी_के_अल्फाज़
#शिवाजी_के_अल्फाज़
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
हर दुआ में
हर दुआ में
Dr fauzia Naseem shad
കവിതയുടെ ജനനം
കവിതയുടെ ജനനം
Heera S
23/21.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/21.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं हूँ कौन ? मुझे बता दो🙏
मैं हूँ कौन ? मुझे बता दो🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
*Perils of Poverty and a Girl child*
*Perils of Poverty and a Girl child*
Poonam Matia
சிந்தனை
சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
रिश्तों का खेल अब बाजार सा हो गया,
पूर्वार्थ
हम अप्पन जन्मदिन ,सालगिरह आ शुभ अवसर क प्रदर्शन क दैत छी मुद
हम अप्पन जन्मदिन ,सालगिरह आ शुभ अवसर क प्रदर्शन क दैत छी मुद
DrLakshman Jha Parimal
"पसीने से"
Dr. Kishan tandon kranti
नजरें खुद की, जो अक्स से अपने टकराती हैं।
नजरें खुद की, जो अक्स से अपने टकराती हैं।
Manisha Manjari
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
*जुलूस की तैयारी (छोटी कहानी)*
Ravi Prakash
खेत खलिहनवा पसिनवा चुवाइ के सगिरिउ सिन्वर् लाहराइ ला हो भैया
खेत खलिहनवा पसिनवा चुवाइ के सगिरिउ सिन्वर् लाहराइ ला हो भैया
Rituraj shivem verma
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
फिर किस मोड़ पे मिलेंगे बिछड़कर हम दोनों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बादलों से बिछड़ कर बूंदे भी रोई होगी
बादलों से बिछड़ कर बूंदे भी रोई होगी
Rekha khichi
मेरा स्वर्ग
मेरा स्वर्ग
Dr.Priya Soni Khare
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
हम कहाँ से कहाँ आ गए हैं। पहले के समय में आयु में बड़ों का स
इशरत हिदायत ख़ान
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
इतना कभी ना खींचिए कि
इतना कभी ना खींचिए कि
Paras Nath Jha
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
गाथा बच्चा बच्चा गाता है
Harminder Kaur
माफ़ी मांग लो या
माफ़ी मांग लो या
Sonam Puneet Dubey
कब बरसोगे बदरा
कब बरसोगे बदरा
Slok maurya "umang"
मीठे बोल
मीठे बोल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आक्रोष
आक्रोष
Aman Sinha
भारत
भारत
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
साँझ पृष्ठ पर है लिखा,
sushil sarna
जय मां ँँशारदे 🙏
जय मां ँँशारदे 🙏
Neelam Sharma
Loading...