जिन्दगी और मौत —आर के रस्तोगी
चार दिन की है जिन्दगी,हंसी ख़ुशी से इसको काट ले |
मत किसी किसी का दिल दुखा,तू दर्द सबके बाँट ले ||
कुछ भी नहीं साथ जाना,बस एक नेकी के सिवा |
इकठ्ठी की हुई सब दौलत,सबको अब तू बाँट ले ||
चार दिन की है चाँदनी,फिर आयेगी अँधेरी रात है|
लेना है तूने निर्णय,उसमे से किसी को तू छाँट ले ||
मौत तो सबकी निश्चित है,सबको ये बुलायेगी |
किसी को भी पता नहीं,किसको कब ये छाँट ले ||
आर के रस्तोगी
मो 9971006425