Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2021 · 1 min read

जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में

जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
■■■■■■■■■■■■■■■■■
जिनिगी के नइया डूबल जाले लोरवा में
लोरवा के नइखे ओर छोर रे खेवइया

सपना बीखरि गइलें अगीया में जरि गइलें
किस्मत फाटल जइसे फाटे रे बेवइया

सबका के जिनिगी भर बहुते सतवनी हम
दुख भइल हमरा के होई रे सहइया

अब पछतइला से कुछउ त मीली नाहीं
आई नाहीं फेरू जवन बीतल रे समइया

बिहने ये दुनिया से जाये के लिखल बाटे
काम नाहीँ करी बैदा तोर रे दवइया

छुटि जाई खेत बारी छुटि जइहें पूत नारी
उड़ि जइहें सब पारा पारी रे चिरइया

– आकाश महेशपुरी

1 Like · 1 Comment · 286 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
भरोसे के काजल में नज़र नहीं लगा करते,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
Neelofar Khan
"" *मन तो मन है* ""
सुनीलानंद महंत
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
लंगड़ी किरण (यकीन होने लगा था)
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
उम्मीदें  लगाना  छोड़  दो...
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
आज की बेटियां
आज की बेटियां
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हमारी जुदाई मानो
हमारी जुदाई मानो
हिमांशु Kulshrestha
"नसीब के पन्नों में"
Dr. Kishan tandon kranti
खालीपन – क्या करूँ ?
खालीपन – क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
तेरी सारी बलाएं मैं अपने सर लेंलूं
Rekha khichi
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
बर्फ
बर्फ
Santosh kumar Miri
कांधा होता हूं
कांधा होता हूं
Dheerja Sharma
Being liked and loved is a privilege,
Being liked and loved is a privilege,
Chitra Bisht
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
तुम रूठकर मुझसे दूर जा रही हो
Sonam Puneet Dubey
कोशिशों  पर  यक़ी  करो  अपनी ,
कोशिशों पर यक़ी करो अपनी ,
Dr fauzia Naseem shad
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक  के प्यार में
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक के प्यार में
Manoj Mahato
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
VEDANTA PATEL
नफरतों के_ शहर में_ न जाया करो
नफरतों के_ शहर में_ न जाया करो
कृष्णकांत गुर्जर
प्रधानमंत्री जी ने ‘आयुष्मान भारत ‘ का झुनझुना थमा दिया “
प्रधानमंत्री जी ने ‘आयुष्मान भारत ‘ का झुनझुना थमा दिया “
DrLakshman Jha Parimal
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
😢😢😢😢
😢😢😢😢
*प्रणय*
सरकारी जमाई -व्यंग कविता
सरकारी जमाई -व्यंग कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
ये सर्द रात
ये सर्द रात
Surinder blackpen
दोस्ती एक गुलाब की तरह हुआ करती है
दोस्ती एक गुलाब की तरह हुआ करती है
शेखर सिंह
प्रकृति कि  प्रक्रिया
प्रकृति कि प्रक्रिया
Rituraj shivem verma
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
3396⚘ *पूर्णिका* ⚘
3396⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
तुम याद आये !
तुम याद आये !
Ramswaroop Dinkar
*मिलता जीवन में वही, जैसा भाग्य-प्रधान (कुंडलिया)*
*मिलता जीवन में वही, जैसा भाग्य-प्रधान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
Loading...