जिदगी का सार
कुछ तो है जिन्दगी का सार,
कुछ तो है जीवन का रहस्य l
क्यों हो जाता है अकस्मात,
क्यों हो जाता है, जो कभी सोचा न था l
कौन है जो नचा रहा है,
कौन है जिसने रचा है l
क्यों वह प्रकाश में रहकर,
हमें अँधेरे से हटा रहा है l
क्यों वह खींचता है अपनी ओर,
कि सब नाकरात्मकता को छोड़, आ जा मेरी ओर l
शीमा की ✍️से