जिगर वो कुतरते रहे
दिल की गलियों से अक्सर गुजरते रहे
और हमारे जिगर में उतरते रहे
हमने सोचा नई ज़िन्दगी दे रहे
किन्तु मेरा जिगर वो कुतरते रहे।
शक्ति त्रिपाठी देव
दिल की गलियों से अक्सर गुजरते रहे
और हमारे जिगर में उतरते रहे
हमने सोचा नई ज़िन्दगी दे रहे
किन्तु मेरा जिगर वो कुतरते रहे।
शक्ति त्रिपाठी देव