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2 Sep 2019 · 1 min read

….. जिगर में कहीं तो छुपालो मुझे !

वज्न –
२१२__२१२__२१२__२१२

खो न जाऊँ कहीं मैं बुलालो मुझे !!
यार इन जुल्मियों से छुडा़लो मुझे !!

मैं फँसी हूँ अकेली भँवर बीच में,,
डूब जाऊँ कहीं मैं निकालो मुझे !!

हर जगह पापियों का बसेरा यहाँ,,
दुष्ट रूहों से अब तो बचालो मुझे !!

मैं डरी हूँ बहुत इस ज़माने से अब,,
मैं तुम्हारी हूँ तुम तो सँभालो मुझे !!

बेसहारा फिरूँ दर-बदर ये सनम,,
तुम जिगर में कहीं तो छुपालो मुझे !!

==============
दिनेश एल० “जैहिंद”
29. 01. 2019

1 Like · 306 Views

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