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25 Mar 2017 · 1 min read

जिक्रे उल्फत

जिक्रे उल्फत का कुछ ऐसा नजारा था,
मेरा सारा वक़्त उनका और उनका सारा वक़्त हमारा था,
कभी लड़खड़ाते ही न थे कदम मेरे उनकी मौजूदगी में,
ऐसा मेरे हमदम मेरे हमसफ़र का सहारा था,
जाने कौन सी ख्वाहिशात हुई उनकी मुझे छोड़ के जाने की,
करते थे उनसे इतनी मोहब्बत हम उनका फैसला ए नफरत भी हमे गवारा था,

Language: Hindi
468 Views
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