जिंदा बुत
सामने से जो गुजरते हैं जिंदा बुत ।
हाँ दर्द होता है उस वक़्त पर बहुत ।
क्या कहूँ अंदाज नज़रें अंदाज को मैं ,
जो निगाहें चुरा बदलते खुद-बा-खुद ।
…..विवेक दुबे”निश्चल”@…
सामने से जो गुजरते हैं जिंदा बुत ।
हाँ दर्द होता है उस वक़्त पर बहुत ।
क्या कहूँ अंदाज नज़रें अंदाज को मैं ,
जो निगाहें चुरा बदलते खुद-बा-खुद ।
…..विवेक दुबे”निश्चल”@…