जिंदगी
नज़्म
वक्त के हैं ये्,…….चारो पहर जिंदगी!
जी सको तो जिओ, वक्त पर जिंदगी!
वक्त के बन के् पाबंद, संग संग चलो!
खूबसूरत है शामो-शहर,……जिंदगी!
जिंदगी ये दुबारा न …….मिल पाये्गी,
खुश रहो और कर लो ..बसर जिंदगी!
और भी खूबसूरत ये ……..हो जायेगी,
प्यार जीवन मे्ं लाये …..अगर जिंदगी!
मंजिलें हैं बहुत ……….जिंदगी एक है,
रोज चलते रहो, ……है सफर जिंदगी!
खोजता मैं रहा …….प्रेम ही हर जगह,
हो गई ‘प्रेमी्’ की यूँ…….गुजर जिंदगी!
…… सत्य की ‘प्रेमी’