……….जिंदगी………
ये जिंदगी भी महज सांसों का खेल ही नही
ये जिंदगी भी महज जीने का नाम ही नहीं
जिंदगी तो एक वृहद सृष्टि का एक विस्तार है
जिंदगी महज सीमित दृष्टि का ही नाम नही है
जिंदगी आकाश है तो पताल भी है
ये जिंदगी किसी के दायरे मे कभी कैद नही है
ये जिंदगी भी मौसम की तरह ही रंग बदलती है
ये जिंदगी भी तभी तो किसी उद्देश्य से बंधी है
ये जिंदगी तु कुछ ऐसा कर की ये खत्म ही न हो
ये जिंदगी भी किसी के देह जाने के बाद भी तो फलती है
इस जिन्दगी मे हम आज भी हैं ,और कल भी रहेंगे
ये जिंदगी तो इसी विश्वास का नाम तो है