जिंदगी है खुश रहो चाहे भी ये जैसे मिले।
गज़ल
काफिया- ए
रदीफ़- मिले
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
2122……2122…….2122……212
मुस्कुरा कर के कभी मायूस होकर के मिले।
जिंदगी है खुश रहो चाहे भी ये जैसे मिले।
तुम जो मेरा जिंदगी में आ के दामन थाम लो,
मुझको दुनियाँ में कोई क्यों और आकर के मिले।
दिल ये बोला उसके गम में आज मिल के पी लें हम ,
जब गये मयखाने तो पैमाने सब टूटे मिले।
ला रही खुशबू हवाएं छू के तुझको गुलबदन,
देखते तुझसे मेरा दिल कब तलक ऐसे मिले।
देश को जो चाहिए वो खून वीरों का सही,
प्यार इज्ज़त और सुरक्षा भी तो हम सबसे मिले।
तपती गर्मी धूप में मजबूर हैं जो काम को,
सोचें सब दो जून की रोटी उन्हें कैसे मिले।
गर्मियों में ले रहे एसी की ठंडक का मज़ा,
मुफलिसी में जलती सड़कों पे भी वो नंगे मिले।
जिंदगी अब है तुम्हारी है तुम्हारे हाथ में,
अब मिले जो भी मुझे वो तेरी मर्जी से मिले।
जो भी आये हैं जहाँ में उनको जाना लौटकर,
बस करो प्रभु का भजन जो भी समय इसमे मिले।
आज हैं खुशियाँ तो कल गम भी तो होंगे क्या पता,
कौन जाने किस तरह कल जिंदगी हमसे मिले।
प्रेम से रह लो जहाँ में जब तलक है जिंदगी,
कौन जाने खूबसूरत जिंदगी फिर से मिले।