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14 Jun 2021 · 1 min read

जिंदगी सवाल करती है

जिंदगी मुझ से पूछती है क्यों रोता है
मजे लुट मेरे क्यूँ घुट घुट के जीता है
एक ही बार तो आई हूं मैं, क्यों रोता है

बार बार नहीं मिलती मैं फिर क्यों तड़पता है
जी ले जी भर के इसको क्यूँ हरपल रोता है
एक ही बार तो आई हूं मैं, क्यों रोता है

बहुत सोचा तूने दूसरों के बारे में
पर वक़्त आख़िरी में हाथ लगा कुछ ना तेरे
एक ही बर तो आई हूं मैं, क्यों रोता है

सपने अपने भुला, करता रहा दूसरों के सपने पूरे धोखा अपनों से खाकर हाथ ना रहा कुछ तेरे एक ही बर तो आई हूं मैं, क्यों रोता है

: कुशाग्र,
235, मॉडल टाउन, यमुनानगर (हरियाणा)
मोबाइल -7015434460

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 281 Views
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