जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं
जिंदगी फूल है और कुछ भी नहीं।
जिंदगी शूल है और कुछ भी नहीं।
राह कांटों भरी देख हमने लिया
जिंदगी हूल है और कुछ भी नहीं।
कायदे हैं बहुत जिनमें उलझी है ये
जिंदगी रूल है और कुछ भी नहीं।।
राह मिलती नहीं हम भटकते फिरें
जिंदगी धूल है और कुछ भी नहीं।
मन में बैठा अहम जब हुआ शांत कुछ
जिंदगी कूल है और कुछ भी नहीं।
भूल हमने करी भूल उसको गये
जिंदगी भूल है और कुछ भी नहीं।
ज्ञान तत्वों का पाया है जब से अटल
जिंदगी मूल है और कुछ भी नहीं।
अटल मुरादाबादी