जिंदगी में तलाश
भावों के मोती दिनांक 16/1/19
तलाश
जिन्दगी गुजर जाती है
तलाश में
कुछ तलाश होती है
जरूरी और
कुछ माया मोह लिए
पढाई के समय
स्कूल कालेज की तलाश
फिर रोजगार , नौकरी की तलाश
आगे शादी मे
वर को वधू की
वधू को वर की
तलाश
मकान कार की
तलाश
औलाद की
चाह की तलाश
अब
बुढापे में बच्चों से
आसरे की तलाश
एक छोटे से
ठोर की तलाश
मिल जाए तो ठीक
नहीं तो वॄध्दाश्रम की
तलाश
तलाश में गुजरती जिन्दगी को
लग जाता है तब विराम
जब श्मशान घाट में
मिल जाता है अंतिम विश्राम
स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल